क्राउन प्रिंस के नेतृत्व वाले इस कदम से न केवल उद्योग को बल्कि वहां काम करने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों को भी फायदा होगा।
मजदूरों के लिए राहत भरी खबर
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अध्यक्षता में सऊदी कैबिनेट की बैठक में औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी श्रमिकों पर लगाए गए वित्तीय कर को खत्म करने का फैसला किया गया है। इस कदम से न केवल सऊदी उद्योग को लाभ होने की उम्मीद है, बल्कि वहां काम करने वाले लगभग 3 लाख भारतीयों सहित लाखों विदेशी श्रमिकों को भी सीधे लाभ होगा।
किस सेक्टर को मिलेगी राहत?
यह छूट सऊदी अरब में औद्योगिक लाइसेंस के तहत पंजीकृत औद्योगिक प्रतिष्ठानों पर लागू होगी। इसका मतलब यह है कि कारखानों, विनिर्माण इकाइयों और औद्योगिक परियोजनाओं में काम करने वाले विदेशी श्रमिकों को अब सरकार द्वारा लगाए गए अतिरिक्त शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। इससे कंपनी की लागत कम होगी और अप्रत्यक्ष रूप से कर्मचारियों पर बोझ पड़ेगा।
विज़न 2030 की ओर एक बड़ा कदम
सऊदी सरकार का कहना है कि यह निर्णय औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करने के क्राउन प्रिंस के दृष्टिकोण का हिस्सा है। औद्योगिक क्षेत्र को सऊदी विज़न 2030 का एक प्रमुख स्तंभ माना जाता है। इसका उद्देश्य तेल पर निर्भरता को कम करना और गैर-तेल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। विदेशी श्रमिकों पर कर हटाने से सऊदी उद्योग की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों को फायदा
इस फैसले से छोटी और मध्यम आकार की औद्योगिक कंपनियों को फायदा होगा. इन कंपनियों को विदेशी श्रम शुल्क के कारण महत्वपूर्ण वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ा। करों को हटाने से उन्हें दीर्घकालिक स्थिरता हासिल करने, नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और स्वचालन जैसी आधुनिक प्रथाओं को अपनाने में मदद मिलेगी। सऊदी सरकार पहले से ही फ़ैक्टरीज़ ऑफ़ द फ़्यूचर जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से उनका समर्थन करती है।
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