Red लिपस्टिक बैन: इस देश में लाल लिपस्टिक लगाई तो होगी जेल, बेहद सख्त है कानून!

Neha Gupta
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दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में लाल लिपस्टिक को आत्मविश्वास और फैशन का प्रतीक माना जाता है, लेकिन एक देश ऐसा भी है जहां यह रंग परेशानी का कारण बन सकता है। यहां मेकअप सिर्फ खूबसूरती का मामला नहीं है, बल्कि विचारधारा और राजनीति का भी मामला है। नियम तोड़ने पर पूछताछ, सज़ा और हिरासत का जोखिम रहता है। सवाल उठता है कि आखिर किसी देश में लिपस्टिक इतना गंभीर अपराध कैसे हो गया?

किस देश ने बनाया अनोखा नियम?

उत्तर कोरिया को दुनिया के सबसे बंद और कड़े नियंत्रण वाले देशों में से एक माना जाता है। सरकार नागरिकों के कपड़ों, हेयर स्टाइल और मेकअप पर भी नियंत्रण रखती है। खासकर महिलाओं के लिए नियम सख्त हैं। लाल लिपस्टिक को पश्चिमी संस्कृति और पूंजीवाद का प्रतीक माना जाता है, जो राज्य की विचारधारा के खिलाफ माना जाता है। नतीजतन, लाल या गहरे रंग की लिपस्टिक पर अनौपचारिक लेकिन सख्त प्रतिबंध है।

लाल लक्ष्य क्यों है?

उत्तर कोरिया की आधिकारिक विचारधारा सामूहिकता, सादगी और राज्य के प्रति पूर्ण निष्ठा पर आधारित है। लाल लिपस्टिक को व्यक्तिगत आकर्षण, ग्लैमर और पश्चिमी प्रभाव के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। किम जोंग-उन के नेतृत्व वाली सरकार का मानना ​​है कि इस तरह का मेकअप युवाओं में व्यक्तिवाद को बढ़ावा देता है, जिससे राज्य के नियंत्रण को खतरा हो सकता है। इसलिए सौंदर्य प्रसाधनों को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जाता है।

क्या कहते हैं नियम-कानून?

आधिकारिक तौर पर, महिलाओं को केवल हल्की लिपस्टिक और स्थानीय स्तर पर बने सौंदर्य प्रसाधनों सहित सीमित मेकअप पहनने की अनुमति है। विदेशी ब्रांड, गहरे रंग और अत्यधिक मेकअप को गैरकानूनी माना जाता है। इन नियमों को लागू करने के लिए, विशेष निगरानी दल, जिन्हें आमतौर पर फैशन पुलिस के रूप में जाना जाता है, तैनात किए जाते हैं। ये टीमें सड़कों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के कपड़ों और मेकअप की निगरानी करती हैं।

उल्लंघन के लिए क्या सज़ा?

लाल लिपस्टिक या निषिद्ध मेकअप पहनने पर सज़ा की प्रकृति परिस्थितियों पर निर्भर करती है। कई मामलों में, चेतावनी या जुर्माना लगाया जाता है, जबकि गंभीर या बार-बार अपराध करने वालों को पूछताछ, सार्वजनिक फटकार, सुधारात्मक श्रम या अस्थायी हिरासत का सामना करना पड़ सकता है। मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, सज़ाएं अक्सर पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया के बिना दी जाती हैं।

श्रृंगार नहीं, नियंत्रण का प्रतीक

उत्तर कोरिया में मेकअप पर प्रतिबंध सिर्फ सुंदरता का मामला नहीं है, बल्कि सरकारी सामाजिक नियंत्रण का एक रूप है। जैसे केश निर्धारित है, मेकअप भी राज्य द्वारा अनुमत सीमा के भीतर होना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि ऐसे नियम लोगों की वैयक्तिकता को सीमित करके शासन का अनुपालन बनाए रखने का एक तरीका है।

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