भारत और अमेरिका ने एक बड़े रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत भारत को 100 ‘जेवलिन’ एंटी-टैंक मिसाइलें, 25 लाइट कमांड लॉन्च यूनिट और 216 ‘एक्सकैलिबर’ सटीक तोपखाने राउंड मिलेंगे। अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी के बाद इन हथियारों के मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा.
अमेरिका ने भारत के लिए एक अहम हथियार पैकेज को मंजूरी दे दी है. इस समझौते के तहत, भारत को 100 ‘जेवलिन’ एंटी-टैंक मिसाइलें, 25 लाइट कमांड लॉन्च यूनिट और 216 ‘एक्सकैलिबर’ प्रिसिजन आर्टिलरी राउंड मिलेंगे। अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने इस प्रस्तावित बिक्री के बारे में कांग्रेस को औपचारिक जानकारी भेज दी है। यह प्रक्रिया किसी भी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हथियार संधि का अनिवार्य हिस्सा है।
भारत को क्या मिलेगा?
सौदे में 100 FGM-148 जेवलिन मिसाइलें, 25 लाइट कमांड लॉन्च यूनिट और 216 एक्सकैलिबर प्रिसिजन आर्टिलरी राउंड शामिल हैं। इसमें उनके संचालन, रखरखाव, सुरक्षा निगरानी और सैनिकों के प्रशिक्षण से संबंधित सभी सहायता पैकेज भी शामिल हैं।
अमेरिका ने क्या कहा?
डीएससीए ने साफ कर दिया है कि यह समझौता अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा. साथ ही, भारत की क्षमता को बढ़ाया जाएगा ताकि वह वर्तमान और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर सके, अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत कर सके और क्षेत्रीय खतरों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सके। एजेंसी ने यह भी कहा कि भारत को इन आधुनिक हथियारों को अपनाने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
क्षेत्रीय संतुलन पर असर?
अमेरिका ने आश्वासन दिया है कि इस हथियार बिक्री से दक्षिण एशिया में सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं आएगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस सौदे में फिलहाल कोई ऑफसेट (मुआवजा) व्यवस्था नहीं है, यदि कोई है तो यह भारत और विनिर्माण कंपनियों के बीच अलग से तय किया जाएगा।