यह समझने के लिए कि वैश्विक हथियारों की होड़ किस ओर जा रही है, बस एक सवाल ही काफी है कि कौन सा देश संयुक्त राज्य अमेरिका से सबसे अधिक हथियार खरीदता है? उत्तर जितना आश्चर्यजनक है, उससे भी अधिक दिलचस्प आँकड़े हैं जो हथियारों के व्यापार के पीछे की शक्ति, प्रभाव और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति को उजागर करते हैं।
कौन सा देश शीर्ष पर है?
वैश्विक हथियार व्यापार न केवल सुरक्षा का मामला है, बल्कि कूटनीति, शक्ति और प्रभुत्व का भी खेल है। संयुक्त राज्य अमेरिका दशकों से दुनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक रहा है, और सऊदी अरब इसके ग्राहक देशों की सूची में सबसे ऊपर है। सऊदी अरब ने पश्चिम एशिया में अपनी सुरक्षा, सैन्य शक्ति और क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ाने के लिए पिछले एक दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका से सबसे बड़ी हथियार खरीद की है।
सऊदी अरब अमेरिकी हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार कैसे बन गया?
2011 से लगातार सबसे बड़ा हथियार आयातक
रिपोर्टों के अनुसार, सऊदी अरब ने 2011 से अमेरिकी हथियारों पर 6.5 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च किया है। यह अमेरिकी रक्षा निर्यात का लगभग 10% है, जो किसी एक देश के लिए एक महत्वपूर्ण राशि है। इस खर्च में न केवल छोटे हथियार, बल्कि उन्नत लड़ाकू विमान, मिसाइल सिस्टम, वायु रक्षा प्रणाली और उच्च तकनीक निगरानी उपकरण भी शामिल हैं।
2017 का ऐतिहासिक रक्षा सौदा
2017 में, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब के बीच 109.7 बिलियन डॉलर की मेगा डील ने दुनिया भर का ध्यान खींचा। यह इतिहास के सबसे बड़े हथियार सौदों में से एक था। इस समझौते के बाद, सऊदी अरब ने पैट्रियट मिसाइल प्रणाली, टैंक, हेलीकॉप्टर, रडार और लड़ाकू जेट सहित बड़ी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार हासिल किए।
सऊदी अरब इतना अधिक क्यों खरीद रहा है?
सऊदी अरब ईरान के साथ बढ़ते तनाव के कारण महत्वपूर्ण हथियारों की खरीद कर रहा है, साथ ही मध्य पूर्व में प्रभुत्व बनाए रखने, अमेरिकी प्रौद्योगिकी के साथ अपनी सुरक्षा को मजबूत करने, यमन युद्ध और क्षेत्रीय सैन्य अभियानों का समर्थन कर रहा है। अमेरिकी हथियार खरीदकर, सऊदी अरब न केवल अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है, बल्कि खुद को वैश्विक राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित कर रहा है।