भारत और पाकिस्तान में हुए हालिया धमाकों पर अपनी प्रतिक्रिया में तुर्की ने दोहरा रुख अपनाया है। तुर्की ने पाकिस्तान में हुए विस्फोट को आतंकवादी हमला बताकर इसकी निंदा की है. लेकिन दिल्ली ने इस धमाके को महज विस्फोट बताकर मामले को दबाने की कोशिश की है. उनके दो अलग-अलग बयान कई सवाल खड़े कर रहे हैं. मालूम हो कि धमाका सबसे पहले दिल्ली में हुआ और मामला कई घंटों बाद पाकिस्तान के अंदर सामने आया. लेकिन बाद में तुर्की ने भारत को लेकर एक बयान जारी किया.
भारत के लिए नरम रुख क्यों?
अंकारा की दोहरी नीति सामने आई है. उन्होंने इस्लामाबाद में हुए धमाके को आतंकी हमला बताया, लेकिन भारत के लिए उनके सुर नरम रहे. यानी भारत के प्रति तुर्की का नरम रवैया उसके दोहरे चरित्र को उजागर करता है। तुर्की ने पाकिस्तान में हुए विस्फोट की निंदा की और साफ तौर पर इसे आतंकवादी हमला माना. यह सख्त रुख उसकी आतंकवाद विरोधी नीति के अनुरूप है, लेकिन जब भारत की बात आती है, तो वह सख्त रुख तुरंत गायब हो जाता है।
भारत के लिए तुर्की का नरम बयान
नई दिल्ली में 10 नवंबर की शाम की चौकसी पर एक बयान जारी करते हुए तुर्की के विदेश मंत्रालय ने भारत में हमले के शीर्षक के तहत कहा, “हम मृतकों के परिवारों और भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।” तुर्की आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ अपने सैद्धांतिक रुख और इस वैश्विक खतरे के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराता है।
तुर्की ने पाकिस्तान के बारे में क्या कहा?
इस्लामाबाद में हुए विस्फोट पर तुर्की ने पाकिस्तान में आतंकवादी हमले का शीर्षक देते हुए कहा, हम आज यानी 11 नवंबर को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हम इस जघन्य हमले में जान गंवाने वालों के लिए दया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं…ये शब्द तुर्की के पाकिस्तान के लिए थे। आतंकवाद के खिलाफ तुर्की पाकिस्तान के साथ एकजुट है।