गुरुवार को रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर बड़ा हमला किया, जिससे पूरे देश में बिजली गुल हो गई। यूक्रेनी प्रधान मंत्री यूलिया स्विरिडेंको ने इसे व्यवस्थित ऊर्जा आतंक कहा। रूसी हमले में 7 साल की बच्ची समेत तीन लोगों की मौत हो गई. 2 से 16 वर्ष की आयु के बच्चों सहित 17 अन्य घायल हो गए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस ने हमले में 650 से अधिक ड्रोन और 50 से अधिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया। यूक्रेनी शहरों में पानी, सीवेज और हीटिंग सेवाएं बिजली पर निर्भर हैं। बिजली गुल होने से ये सेवाएं बाधित रहीं। रूस कई महीनों से यूक्रेन के बिजली नेटवर्क और बुनियादी ढांचे पर हमला कर रहा है।
हमले का मकसद और प्रतिक्रिया
यूक्रेनी प्रधान मंत्री ने कहा कि रूस का लक्ष्य लोगों को अंधेरे में डुबाना और उनके जीवन को बाधित करना है। उन्होंने कहा कि खतरे का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन को अधिक वायु रक्षा प्रणालियों, कड़े प्रतिबंधों और रूस पर दबाव बढ़ाने की जरूरत है। हालाँकि, रूस को शांति वार्ता में लाने के अमेरिका और अन्य देशों के प्रयास सफल नहीं रहे हैं।
कौन से क्षेत्र क्षतिग्रस्त हुए?
दक्षिणी ज़ापोरिज़िया क्षेत्र में हुए हमले में 17 लोग घायल हो गए, जिनमें 2 साल की बच्ची भी शामिल है. बचावकर्मियों ने एक व्यक्ति को मलबे से निकाला, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई। इस क्षेत्र में कुल दो लोगों की मौत हो गयी. मध्य-पश्चिमी विन्नित्सिया क्षेत्र में, एक 7 वर्षीय लड़की घायल हो गई और अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। ल्वीव क्षेत्र में, पोलिश सीमा के पास, दो ऊर्जा सुविधाएं क्षतिग्रस्त हो गईं।
पोलैंड और नाटो की प्रतिक्रिया
रूसी हमले के बाद, पोलिश सेना ने हवाई निगरानी के लिए अपने और नाटो विमान तैनात किए। रेडोम और ल्यूबेल्स्की में पोलिश हवाई अड्डे सैन्य अभियानों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए थे।