पाकिस्तान के आठ सैन्य ठिकानों पर एक साथ हमला किया गया. इससे पहले कि पाकिस्तानी सेना कुछ समझ पाती, तालिबान ने 58 जवानों की हत्या कर दी थी.
पीलिया
तालिबान के खिलाफ ये हमला पाकिस्तान को भारी पड़ा है. तालिबान ने पाकिस्तान के 58 जवानों को मौत के घाट उतार दिया है. तालिबान के इस बहाने से पाकिस्तान और दुनिया भर में हड़कंप मच गया है. तालिबान की कार्रवाई के बाद अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब मुजाहिदीन को लेकर बहस ने तूल पकड़ लिया है. जैकब ने पहले काबुल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान के हमले पर तीखी प्रतिक्रिया देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमारे स्वाभिमान के साथ खेल खेल रहा है.
मौलवी के रूप में स्वागत किया गया
तालिबान के रक्षा मंत्री मुल्ला जैकब 2016 में पहली बार बहस में आए थे. जैकब को उस वक्त तालिबान में डिप्टी का पद दिया गया था. जैकब तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के सबसे बड़े बेटे हैं। मौलवी की शिक्षा प्राप्त जैकब हथियार बनाने और चलाने में माहिर माने जाते हैं। 35 वर्षीय जैकब को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ लड़ाई के दौरान 15 ज़ोन की कमान सौंपी गई थी। जैकब ने इलाके में पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया।
पाकिस्तान का अफ़ग़ानिस्तान पर आरोप
मुल्ला याम्स हमेशा से ही पाकिस्तान पर हमला बोलते रहे हैं. यूएन में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर आतंक फैलाने का आरोप लगाया. उस समय जैकब ने तालिबान से अपनी पार्टी रखी. और कहा गया कि पाकिस्तान में सुरक्षा चरमरा गई है. पाकिस्तानी सरकार विफल सुरक्षा में सुधार नहीं कर सकती. जनवरी 2024 में मुल्ला याकूब के इशारे पर तालिबान सेना ने 12 पाकिस्तानी सैनिकों को मार डाला.