नॉलेज: भारत में नहीं बल्कि इस देश में है सबसे साफ-सुथरा गांव, 700 साल से नहीं दर्ज हुआ एक भी अपराध

Neha Gupta
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आज के समय में अपराध बहुत बढ़ गया है। दुनिया का कोई भी देश या शहर ऐसा नहीं है जहां अपराध दर बिल्कुल शून्य हो। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में एक गांव ऐसा भी है जहां पिछले 700 सालों से कोई अपराध नहीं हुआ है। साथ ही इस गांव को दुनिया का सबसे स्वच्छ हिंदू गांव भी कहा जाता है।

दुनिया का सबसे स्वच्छ हिंदू गांव भारत में नहीं!

ये हिंदू गांव भारत में नहीं है. यह गांव एशिया में एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। यहां साफ-सफाई सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी नहीं, पीढ़ियों से चली आ रही आदत है। यह गांव इंडोनेशिया के बाली में पांगलीपुरन गांव है।

दुनिया के सबसे स्वच्छ गांवों में शुमार

इस गांव को दुनिया के 3 सबसे साफ गांवों में गिना जाता है। यहां का लगभग हर घर हिंदू परंपरा का सबसे अधिक सम्मान करता है। यहां बड़े-बड़े मंदिर हैं और हर परिवार का अपना एक छोटा मंदिर भी है। यह गांव लगभग 700 साल पुराना है लेकिन आज तक यहां एक भी अपराध दर्ज नहीं किया गया है। इसलिए यह गांव बेहद शांत और सुरक्षित है।

पांगलीपुराण गाँव इतना साफ़ क्यों है?

यहां के लोग साफ-सफाई को लेकर बहुत सख्त हैं। गाँव में कुछ विशेष नियम हैं जैसे कि कहीं भी गंदगी फैलाने की अनुमति नहीं है। शराब का सेवन सख्त वर्जित है। धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए अलग क्षेत्र हैं। किसी भी प्रकार के वाहन को गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं है. लगभग सभी घर बांस से बने होते हैं, इसलिए पूरा गांव पारंपरिक और सुंदर दिखता है।

महिलाओं की विशेष भूमिका

हर महीने गांव की महिलाएं इकट्ठा होकर पूरा कूड़ा इकट्ठा करती हैं. जैविक कचरे से खाद बनाना और प्लास्टिक जैसे कचरे को पुनर्चक्रण के लिए भेजना। जिससे गांव सदैव स्वच्छ एवं सुंदर रहे।

पांगलीपुराण गांव कैसे पहुंचें?

यह गांव इंडोनेशिया के बाली में बांग्ला जिले में स्थित है। देनपसार से लगभग 45 किमी और बांग्ला शहर से केवल 5 किमी दूर। निजी कार वहां पहुंचने का सबसे आसान तरीका है। या फिर आप वहां के लोकल ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं यानी ग्रैब और गोजेक जैसे ऐप्स के जरिए टैक्सी बुक कर सकते हैं।

पर्यटकों के लिए समय और सर्वोत्तम मौसम

यह गांव साल भर सुबह 8:15 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुला रहता है। यात्रा का सबसे अच्छा समय अप्रैल से अक्टूबर के बीच या गैलुंगन और कुनिंगन जैसे स्थानीय त्योहारों के दौरान है। हालाँकि, यहाँ होमस्टे भी उपलब्ध हैं, जहाँ आप स्थानीय लोगों के घरों में रह सकते हैं और उनकी परंपराओं, व्यंजनों और संस्कृति को करीब से अनुभव कर सकते हैं।

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