कंबोडिया और थाईलैंड के बीच युद्ध छिड़ गया है. इस झड़प के बाद दोनों देशों ने सीमा पर लड़ाकू विमान भी तैनात कर दिए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ”मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है, लेकिन कंबोडिया और थाईलैंड ने आज फिर से युद्ध शुरू कर दिया है.” उन्होंने आगे कहा, ”मुझे कल एक फ़ोन करना है.
मैं एक फोन करूंगा
मैं एक फोन कॉल करूंगा और दो बहुत शक्तिशाली देशों, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्ध को रोक दूंगा। वे फिर से एक दूसरे से लड़ रहे हैं. लेकिन मैं यह करूंगा. इसीलिए हम बल के माध्यम से शांति स्थापित कर रहे हैं।”
थाईलैंड ने हवाई हमले से जवाब दिया
7 दिसंबर को, कंबोडियाई सैनिकों ने थाईलैंड की सीमा से लगे सी सा केट राज्य के कंथारक जिले में फु फा लेक-प्लान हिन पेट कोन क्षेत्र पर हमला किया। थाईलैंड ने हवाई हमले से जवाब दिया। 8 दिसंबर को, उबोन रत्चथानी प्रांत के नाम यूएन जिले के चोंग एन मा क्षेत्र में सीमा पार झड़पें और हवाई हमले हुए।
एशिया ने अचानक इस क्षेत्र को अस्थिर कर दिया
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच बढ़ते तनाव ने अचानक एशिया क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है। सीमा पर एक छोटी सी झड़प कुछ ही दिनों में बड़े संघर्ष में बदल गई. अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित था, कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही थी, लेकिन कोई समाधान नजर नहीं आ रहा था. जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक इस मुद्दे पर बयान दिया तो दुनिया और सतर्क हो गई.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, “मुझे एक फोन करना है…”, और मुस्कुराते हुए मंच से चले गए। यह वाक्य कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग अटकलें लगाने लगे कि आख़िर यह “फ़ोन” किससे करने को कह रहा है
कंबोडिया के प्रधान मंत्री को? थाईलैंड के राजदूत को? या एक वैश्विक शक्ति?
अमेरिकी राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई कि ट्रंप इस स्थिति में मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ विश्लेषकों का मानना था कि यह ट्रम्प का अपने वैश्विक प्रभाव को फिर से स्थापित करने का प्रयास हो सकता है, जबकि अन्य ने इसे महज एक राजनीतिक नाटक बताया।
एशियाई राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच संघर्ष मुख्य रूप से सीमा सुरक्षा, संसाधनों पर नियंत्रण और पुराने ऐतिहासिक तनाव के कारण था। संयुक्त राष्ट्र ने शांति की अपील की और पड़ोसी देशों ने भी बिना हस्तक्षेप के बातचीत का रास्ता अपनाने को कहा.
इस बीच, ट्रम्प का “एक फोन कॉल” करने का बयान संघर्ष की गंभीरता पर एक दिलचस्प राजनीतिक मोड़ बन गया। अमेरिकी मीडिया कह रहा था कि ट्रंप किसी भी तरह से खुद को इस मुद्दे का हिस्सा बनाना चाहते हैं, चाहे वो शांति के लिए हो या चर्चा में बने रहने के लिए हो.
स्थिति अभी भी तनावपूर्ण थी, लेकिन दुनिया यह देखने का इंतजार कर रही थी कि क्या ट्रम्प के “फोन कॉल” से वास्तव में विवाद में कोई बदलाव आएगा या यह सिर्फ राजनीतिक बातचीत होगी।