पुतिन के बाद ज़ेलेंस्की के भारत आने की संभावना:जनवरी का प्लान, तारीख तय नहीं; यूक्रेन के राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा होगी

Neha Gupta
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की अगले महीने भारत दौरे पर आ सकते हैं। हालाँकि, अभी तारीखों की घोषणा नहीं की गई है। यह ज़ेलेंस्की की पहली भारत यात्रा होगी। यूक्रेन के राष्ट्रपति अब तक केवल तीन बार 1992, 2002 और 2012 में भारत आए हैं। विक्टर यानुकोविच आखिरी यूक्रेनी राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 2012 में भारत का दौरा किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत रूस और यूक्रेन के बीच संतुलन बनाए रखना चाहता है। भारत ने 2024 में भी ऐसा ही किया। पीएम मोदी ने पहले मॉस्को जाकर पुतिन से मुलाकात की और कुछ हफ्ते बाद कीव जाकर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। भारत और यूक्रेन के अधिकारी पिछले कई हफ्तों से बातचीत कर रहे हैं। ये बातचीत पुतिन के दौरे से पहले ही शुरू हो गई थी. कई कारकों पर निर्भर करेगा ज़ेलेंस्की का भारत दौरा रिपोर्ट के मुताबिक, ज़ेलेंस्की का भारत दौरा कब और कैसे होगा यह कई कारकों पर निर्भर करेगा, जैसे ट्रंप की नई शांति योजना की दिशा, युद्ध की स्थिति और यूक्रेन की राजनीति कैसे आगे बढ़ती है, क्योंकि वहां की ज़ेलेंस्की सरकार इस समय भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण दबाव में है। 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी पुतिन और ज़ेलेंस्की दोनों से लगातार बातचीत कर रहे हैं। चाहे फोन कॉल हो या अंतरराष्ट्रीय बैठकें, वह दोनों नेताओं के संपर्क में रहते हैं। पीएम मोदी ने ज़ेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया पीएम मोदी ने अगस्त 2024 में यूक्रेन का दौरा किया था. तब उन्होंने ज़ेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया था. बैठक में मोदी ने कहा कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है. मैं कुछ दिन पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिला था। मैंने तब कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है. यूक्रेन के मरिंस्की पैलेस में मोदी और ज़ेलेंस्की की करीब 3 घंटे तक मुलाकात हुई। बाद में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मीडिया से कहा कि भारत बड़ा देश है, उसका प्रभाव ज्यादा है. भारत पुतिन को रोक सकता है. भारत अपनी भूमिका निभाएगा. पुतिन से मुलाकात में मोदी ने यूक्रेन में युद्ध का मुद्दा उठाया राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में युद्ध का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा यूक्रेन में शांति का समर्थन करता है और किसी भी शांति प्रयास में मदद करने के लिए तैयार है। खास बात यह है कि इस बार मोदी और पुतिन ने अपनी बातचीत में ‘युद्ध’ या ‘संघर्ष’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया और इस स्थिति को केवल ‘संकट’ कहा। यह पहले के बयानों से थोड़ा अलग है, क्योंकि 2022 में मोदी ने साफ कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है.

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