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यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की आज लंदन में ब्रिटिश प्रधान मंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात करेंगे। कीव इंडिपेंडेंट के मुताबिक, बैठक में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ट्ज़ भी शामिल होंगे। इस बैठक की मेजबानी ब्रिटिश पीएम स्टार्मर कर रहे हैं. बैठक बंद कमरे में होगी. चारों नेता यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी और अमेरिका के नेतृत्व वाली शांति योजना पर चर्चा करेंगे। यूरोपीय नेताओं का कहना है कि यह योजना यूक्रेन को ज़मीन छोड़ने के लिए मजबूर कर सकती है। यूरोपीय देशों को डर है कि इस योजना से रूस को और फायदा होगा और भविष्य में रूस दोबारा हमला कर सकता है. लंदन में यूरोपीय नेता काउंटर-प्लान बना सकते हैं ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेता अमेरिकी योजना में बड़े बदलावों की रणनीति बनाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भविष्य में रूसी हमलों को रोकने के लिए सैन्य गारंटी और ठोस उपायों पर जोर दिया जाएगा। ब्रिटिश मंत्री पैट मैकफैडेन ने बैठक के बारे में कहा कि हम जमीन पर शांति चाहते हैं, कागज पर शांति नहीं. यूरोप की अपनी प्रति-योजना होने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा- युद्ध का तीसरा साल चल रहा है और आज तय होगा कि 2026 में यूक्रेन का नक्शा कैसा होगा। यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए ट्रंप की 28 सूत्री योजना अमेरिका ने 21 नवंबर को अपनी पहली 28 सूत्री शांति योजना पेश की। योजना के मुताबिक, यूक्रेन को अपना लगभग 20% हिस्सा रूस को देना होगा। इसमें पूर्वी यूक्रेन का डोनबास क्षेत्र भी शामिल है। यूक्रेन केवल 6 लाख सैनिकों की सेना रख सकता है। यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा. नाटो सेनाएं यूक्रेन में नहीं रहेंगी. योजना में कहा गया है कि रूस द्वारा शांति प्रस्तावों को स्वीकार करने पर लगे सभी प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे। इसके साथ ही यूरोप में जब्त की गई करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति भी डीफ्रीज की जाएगी. ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन और जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ट्ज़ ने शुक्रवार को कहा कि उनके देश यूक्रेन के साथ खड़े हैं। यूरोप बोला- अमेरिका की शांति योजना रूस के लिए फायदेमंद अमेरिकी शांति योजना में यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी का जिक्र है, लेकिन यूक्रेन से जमीन वापस लेने, सेना का आकार कम करने और नाटो को यूक्रेन में सेना भेजने से रोकने की भी बात कही गई है। यूरोप ने इसे रूस के लिए फायदेमंद बताकर खारिज कर दिया और 23 नवंबर को जिनेवा में अपनी 19-सूत्रीय प्रति-योजना तैयार की। यह योजना अब 20 सूत्रीय हो गई है। ट्रंप ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ज़ेलेंस्की ने अभी तक अमेरिकी योजना को पूरी तरह से नहीं पढ़ा है। ट्रम्प ने कहा- ”रूस विश्वास कर रहा है, लेकिन ज़ेलेंस्की पर नहीं।” फिर ट्रम्प ने 7 दिसंबर को कहा कि “ज़ेलेंस्की के लोगों को यह योजना पसंद आ रही है, रूस भी इसे स्वीकार कर रहा है, लेकिन ज़ेलेंस्की तैयार नहीं दिख रहे हैं। यूक्रेन-अमेरिका वार्ता बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ और दामाद जेरेड कुशनर 2 दिसंबर को रूस गए, पुतिन के साथ 5 घंटे तक बातचीत की। फिर मियामी, फ्लोरिडा में यूक्रेनी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच वार्ता हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ट्रम्प के दूत और सलाहकार, जेरेड कुशनर ने यह भी कहा कि उन्होंने श्री ज़ेलेंस्की से फोन पर बात की। दोनों पक्ष सुरक्षा गारंटी के लिए एक रूपरेखा पर सहमत हुए। ज़ेलेंस्की ने कहा, “सच्ची शांति तभी आएगी जब रूस चिंतित है।” रूस के फायदे के लिए योजना यूक्रेन को कमजोर करेगी, जिससे पूरे महाद्वीप की सुरक्षा प्रभावित होगी। फ्रांस के राष्ट्रपति बोले- रूस नहीं चाहता शांति मैक्रोन ने रूसी हमलों की कड़ी निंदा की और कहा, ‘रूस शांति नहीं चाहता, वह लगातार उकसावे वाली कार्रवाई कर रहा है। हमें रूस पर और अधिक दबाव डालना होगा, ताकि उसे शांति के लिए मजबूर किया जा सके।’ मैक्रॉन ने फोन पर ज़ेलेंस्की के प्रति एकजुटता व्यक्त की। ब्रिटिश प्रधान मंत्री स्टार्मर ने कहा कि यूक्रेन अपना भविष्य स्वयं निर्धारित करेगा और शांति सेना यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। रूसी राष्ट्रपति पुतिन पहले ही कह चुके हैं कि यूक्रेन में तैनात कोई भी विदेशी सैनिक हमले का शिकार हो सकता है. मैक्रों ने कहा- यूक्रेन को मजबूर कर सकता है अमेरिका फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी कि अमेरिका यूक्रेन को धोखा दे सकता है. जर्मन अखबार डेर स्पीगल के मुताबिक, 1 दिसंबर को यूरोपीय नेताओं के बीच एक गुप्त वीडियो कॉल लीक हो गई थी। इनमें जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ट्ज़, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, फिनिश राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब, नाटो महासचिव मार्क रुटे, पोलिश प्रधान मंत्री डोनाल्ड टस्क, इतालवी प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की शामिल थे। इस बीच, मैक्रॉन ने संदेह व्यक्त किया कि अमेरिका यूक्रेन को मजबूत सुरक्षा गारंटी के बिना क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर कर सकता है। इस कॉल की रिकॉर्डिंग अखबार तक पहुंच गई. जर्मन चांसलर ने ज़ेलेंस्की को सतर्क रहने की सलाह दी क्योंकि नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दो खास लोगों, अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ़ और ट्रम्प के दामाद जेरेड कुशनर पर भरोसा नहीं है। जर्मन चांसलर मर्केल ने ज़ेलेंस्की से कहा, ‘आने वाले दिनों में बहुत सावधान रहना, आपके और हमारे साथ खेला जा रहा है.’ फिनिश राष्ट्रपति स्टब और नाटो प्रमुख रुटे ने भी दोहराया कि ज़ेलेंस्की को इन दो अमेरिकियों के साथ अकेला नहीं छोड़ा जा सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के कार्यालय ने पूरी खबर को झूठी और भ्रामक जानकारी बताया.
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ज़ेलेंस्की की यूरोपीय नेताओं से गुप्त बैठक आज:यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर चर्चा करेंगे; यूरोपीय नेता ट्रंप की शांति योजना पर सहमत नहीं हैं