पाकिस्तान पर भारी पड़े आतंकी, हर दिन हो रहे हमले, 46 फीसदी आतंकी घटनाएं

Neha Gupta
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शुक्रवार रात को पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) के आतंकवादियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में बड़ा हमला किया। आतंकवादियों ने एक पुलिस प्रशिक्षण केंद्र पर हमला कर सात पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी

आतंकवादी घटनाओं में 46% की वृद्धि

घटना में सुरक्षा बलों ने पांच हमलावरों को मार गिराया है. यह हमला पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा झटका है, हाल के दिनों में आतंकवादी घटनाओं में 46% की वृद्धि हुई है।

सात से आठ हथियारबंद आतंकवादी केंद्र में घुस आये

शुक्रवार रात करीब 9 बजे रत्ता कुलाची इलाके में विस्फोटकों से भरा ट्रक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के मुख्य दरवाजे से टकरा गया. विस्फोट से केंद्र की दीवार का एक हिस्सा ढह गया, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद सात से आठ हथियारबंद आतंकवादी केंद्र में घुस गये और गोलीबारी शुरू कर दी. हमलावरों ने ग्रेनेड और अन्य हथियारों का भी इस्तेमाल किया.

सभी पाँच से छह हमलावर, जिनमें एक आत्मघाती हमलावर भी शामिल है

करीब छह घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने एक आत्मघाती हमलावर समेत सभी पांच से छह हमलावरों को मार गिराया. हमलावरों के पास से आत्मघाती जैकेट, विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद किया गया। केंद्र में मौजूद 200 से अधिक पुलिस अधिकारियों और रंगरूटों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिससे एक बड़ा हादसा हो गया। तेरह अन्य पुलिस अधिकारी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मृतकों में एक अधिकारी और एक अन्य कांस्टेबल शामिल हैं।

50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की मौत की अफवाह

शुरुआत में टीटीपी ने हमले की जिम्मेदारी ली, लेकिन बाद में इससे इनकार कर दिया। कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इत्तेहादुल मुजाहिदीन पाकिस्तान (आईएमपी) के नाम से जिम्मेदारी सौंपी गई। हमलावरों ने बॉडी कैमरे का इस्तेमाल कर हमले की लाइव स्ट्रीमिंग भी की. पाकिस्तानी मीडिया में शुरुआती रिपोर्टों में 50 से अधिक पुलिसकर्मियों के मारे जाने की अफवाह फैल गई, लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने इस दावे को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि केवल सात ही मारे गए।

खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में टीटीपी और अन्य समूहों द्वारा हर दिन हमले किए जाते हैं

यह हमला पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद का एक और उदाहरण है. सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की तीसरी तिमाही में पाकिस्तान में हिंसा की घटनाएं 46% बढ़ गईं। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में टीटीपी और अन्य समूहों द्वारा हर दिन हमले हो रहे हैं।

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