तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने ’10-सूत्रीय शांति फॉर्मूला’ पेश किया, जिसमें दोनों देशों से बातचीत के जरिए समाधान निकालने का आग्रह किया गया.
’10 सूत्री शांति फॉर्मूला’
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अब तुर्की और ईरान भी कूटनीतिक मैदान में उतर आए हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इस्लामाबाद और काबुल को ‘अंतिम चेतावनी’ जारी की है। कहा गया है कि अगर दोनों देशों ने बातचीत से मसले नहीं सुलझाए तो हालात बड़े युद्ध में तब्दील हो सकते हैं. तुर्की अब ’10-सूत्रीय शांति फॉर्मूले’ पर काम कर रहा है। जिसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों के सामने पेश किया जाएगा.
बातचीत को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है
ईरान ने भी एक कूटनीतिक कदम उठाया है. ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक्ची और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलाना अमीर खान मुत्ताकी ने टेलीफोन पर एक महत्वपूर्ण बातचीत की। वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने इस्लामाबाद और काबुल के बीच शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि तुर्की और ईरान क्षेत्रीय स्थिरता के लिए संयुक्त मध्यस्थता की भूमिका निभा सकते हैं।
संवाद की समीक्षा
तेहरान भी सक्रिय भूमिका निभाता दिख रहा है. ईरानी विदेश मंत्री अराक्ची और उनके अफगान समकक्ष मुत्ताकी के बीच बातचीत में दोनों पक्षों ने इस्तांबुल में हाल ही में हुई पाकिस्तान-अफगानिस्तान वार्ता की समीक्षा की। मुत्ताकी ने कहा कि अफगानिस्तान कूटनीति और बातचीत को प्राथमिकता देता है। हालाँकि, तीसरे दौर की वार्ता में कोई ठोस प्रतिबद्धता बनाने से पाकिस्तान के इनकार ने समझौते की संभावना को कम कर दिया।