भारत के पड़ोसी चीन ने अपने शिनजियांग प्रांत के कुनलुन पर्वत में सोने का विशाल भंडार खोजा है। शुरुआती अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में कुल सोने का भंडार 1,000 टन से ज्यादा हो सकता है. पिछले 1 साल में चीन में यह तीसरी बड़ी सोने की खोज है। इससे पहले लियाओनिंग और हुनान प्रांतों में भी 1,000 टन से अधिक सोने की खदानें मिली थीं। भूवैज्ञानिकों ने कुनलुन पर्वत में 6 प्रमुख सोने के क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें ऊपरी 300 मीटर में सोने की परतें खनन के लिए उपयुक्त हैं।
चीन के पास भारत से 3 गुना ज्यादा सोना है
इस खोज से पहले, दुनिया की सबसे बड़ी ज्ञात सोने की खदानें केवल कुछ सौ टन सोने तक ही सीमित थीं। नई खोज से पता चलता है कि चीन का कुल स्वर्ण भंडार पहले के अनुमान से कहीं अधिक है। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2025 तक चीन का कुल सोना भंडार 2,279.56 टन है, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक के पास मार्च 2025 तक 876.18 टन सोना है। इस तरह चीन के पास भारत से 3 गुना ज्यादा सोना है। वैश्विक स्तर पर स्वर्ण भंडार के मामले में चीन 5वें और भारत 7वें स्थान पर है।
हाई-टेक तकनीक से सफलता
चीन में इतने बड़े सोने के भंडार का मुख्य कारण अन्वेषण लागत में वृद्धि और उच्च तकनीक प्रौद्योगिकी का उपयोग है। चीनी भूवैज्ञानिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), शक्तिशाली जमीन-भेदक रडार और संवेदनशील उपग्रहों का उपयोग कर रहे हैं। 2018 में, चीन ने एक विशाल क्रॉस-आकार का एंटीना सिस्टम बनाया, जिससे पृथ्वी की गहरी परतों में सोना, लिथियम, यूरेनियम और अन्य खनिजों की पहचान करना संभव हो गया है। इस तकनीक ने चीन की वैश्विक खनिज आपूर्ति को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई है।