जयशंकर बोले- भारत-रूस का रिश्ता दुनिया का सबसे मजबूत रिश्ता: पिछले 78 साल में कई देशों के बीच उतार-चढ़ाव आए; हमारी दोस्ती बरकरार रही

Neha Gupta
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-रूस संबंधों को दुनिया के सबसे स्थिर, मजबूत और बड़े संबंधों में से एक बताया. जयशंकर ने शनिवार को एचटी लीडरशिप समिट 2025 में यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच असंतुलन को दूर करना था. पुतिन की यात्रा ने पिछड़े क्षेत्रों, विशेषकर आर्थिक सहयोग में साझेदारी को फिर से शुरू किया है।’ जयशंकर ने कहा कि चीन, अमेरिका और यूरोप के साथ रूस के रिश्ते कई बार उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं, लेकिन भारत के साथ ये रिश्ते हमेशा स्थिर और विश्वसनीय रहे हैं. जयशंकर ने कहा- रक्षा, ऊर्जा के क्षेत्र में भारत-रूस के रिश्ते मजबूत बने रहे. भारत-रूस संबंधों में रक्षा, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र हमेशा से बहुत मजबूत रहे हैं, लेकिन व्यापार और आर्थिक सहयोग उतना नहीं बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, 80, 90 और 2000 के दशक में अमेरिका और यूरोप के साथ भारत के आर्थिक संबंध तेजी से बढ़े, लेकिन रक्षा और सुरक्षा सहयोग में उतनी प्रगति नहीं हुई। जयशंकर ने कहा- दोस्त चुनने की आजादी विदेश नीति है. विदेश मंत्री ने भारत की विदेश नीति के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा- “हमारे जैसे बड़े और उभरते देश के लिए बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। यह जरूरी है कि हमारे विशेष संबंध अच्छी स्थिति में हों। हम महत्वपूर्ण देशों के साथ सहयोग बनाए रख सकते हैं और हमें अपने हितों के अनुसार दोस्त चुनने की आजादी है। यही हमारी विदेश नीति है।” पुतिन के दौरे का मकसद पश्चिम को संदेश देना नहीं था रूसी राष्ट्रपति के दौरे का मकसद पश्चिम को संदेश भेजना था. इस सवाल पर जयशंकर ने कहा कि ”मुझे ऐसा नहीं लगता, सवाल यह है कि आप उन देशों को क्या कहते हैं. सवाल यह है कि आप भारत और रूस के लिए क्या करते हैं. विदेश मंत्री ने साफ किया कि पुतिन का दौरा पश्चिम को संदेश देने के लिए नहीं था. 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचे पुतिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए 4 दिसंबर को दो दिवसीय भारत दौरे पर आए थे. इससे पहले पुतिन 2021 में भारत आए थे. उन्हें रिसीव करने के लिए पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर खुद पालम एयरपोर्ट पहुंचे. एयरपोर्ट पर मोदी ने गले मिलकर पुतिन का स्वागत किया. इसके बाद दोनों नेता पुतिन की लग्जरी कार ओरस सीनेट से निकलकर सफेद रंग की टोयोटा फॉर्च्यूनर में पीएम आवास पहुंचे. यात्रा के अंत में रूसी राष्ट्रपति के सम्मान में एक निजी रात्रिभोज दिया गया.

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