क्या अमेरिका अपने पड़ोसी देश के खिलाफ युद्ध की तैयारी कर रहा है? एक और युद्धपोत तैनात

Neha Gupta
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अमेरिका ने पड़ोसी देश वेनेजुएला और उसके राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर सैन्य दबाव बढ़ाने के लिए इन युद्धपोतों को तैनात किया है। मिसाइल विध्वंसक यूएसएस ग्रेवली को कैरेबियाई देश त्रिनिदाद और टोबैगो भेजा गया है। इससे पहले अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर. फोर्ड’ को भी भेजा जा चुका है, जो फिलहाल वेनेजुएला के रास्ते में है। मादुरो ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह अमेरिका द्वारा उनके देश के खिलाफ एक नया युद्ध शुरू करने का प्रयास है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बिना कोई सबूत पेश किए मादुरो पर संगठित अपराध गिरोह ‘ट्रेन डी अरागुआ’ का नेता होने का आरोप लगाया है.

त्रिनिदाद और टोबैगो के पीएम ने क्या कहा?

त्रिनिदाद और टोबैगो सरकार के अधिकारियों और संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि विशाल युद्धपोत गुरुवार तक वहीं रहेगा, जिससे दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास की अनुमति मिल जाएगी। त्रिनिदाद और टोबैगो के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि युद्धपोत भेजने का निर्णय हाल ही में किया गया था। देश की प्रधान मंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को वेनेजुएला के जल क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति और संदिग्ध नशीली दवाओं की तस्करी वाली नौकाओं पर घातक हमलों का प्रबल समर्थक माना जाता है।

अमेरिका और वेनेज़ुएला के बीच क्यों है टकराव?

कैरेबियन सागर में अमेरिकी सेना की तैनाती को अब तक का सबसे बड़ा मादक द्रव्य विरोधी मिशन माना जा रहा है. ट्रंप प्रशासन ने निकोलस मादुरो के नेतृत्व वाली वेनेज़ुएला सरकार पर मादक पदार्थों के तस्करों को पनाह देने का आरोप लगाया है। दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब ट्रम्प प्रशासन ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में वेनेजुएला को मादक पदार्थों की तस्करी का केंद्र बताते हुए इसे “नार्को-टेरर कार्टेल” घोषित कर दिया। अमेरिका ने ‘ट्रेन डी अरागुआ’ गिरोह को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) भी घोषित कर दिया है।

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