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अमेरिकी संसद के 44 सदस्यों ने बुधवार को विदेश मंत्री मार्को रूबियो को पत्र लिखकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर के खिलाफ तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की। इन सांसदों का आरोप है कि पाकिस्तान में सेना सरकार चला रही है. देश में बड़े पैमाने पर आम लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है. विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिकों को भी सरकार के खिलाफ बोलने पर धमकी दी जा रही है। यह पत्र डेमोक्रेटिक महिला सांसद प्रमिला जयपाल और सांसद ग्रेग कैसर के नेतृत्व में लिखा गया था। इसमें सांसदों ने कहा कि पाकिस्तान में निरंकुशता बढ़ती जा रही है. पत्रकारों को धमकाया जा रहा है, उनका अपहरण किया जा रहा है या उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। आलोचना करने पर पत्रकार के परिवार का अपहरण, सांसदों ने पत्र में कुछ घटनाओं का जिक्र किया. इसमें वर्जीनिया के पत्रकार अहमद नूरानी का मामला भी शामिल है. नूरानी ने पाकिस्तानी सेना में भ्रष्टाचार पर रिपोर्ट की। इसके बाद पाकिस्तान में रहने वाले उनके दो भाइयों का अपहरण कर लिया गया और उन्हें एक महीने से अधिक समय तक रखा गया। इसी तरह मशहूर संगीतकार सलमान अहमद की बानवी का अपहरण कर लिया गया था, जिसे अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद रिहा किया गया। पत्र में सांसदों ने पाकिस्तान में बढ़ते सत्तावादी संकट पर चिंता जताई है. उनके मुताबिक विपक्षी नेताओं को बिना किसी आरोप के जेल में डाला जा रहा है. आम नागरिकों को सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया जा रहा है। महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों और खासकर बलूचिस्तान के लोगों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है. पत्र में 2024 के चुनावों में हुई गड़बड़ियों का जिक्र, जांच की मांग सांसदों ने पत्र में एक स्वतंत्र पाकिस्तानी संस्था की ‘पैटन रिपोर्ट’ के अलावा 2024 के आम चुनावों में हुई गड़बड़ियों का भी जिक्र किया है, जिस पर खुद अमेरिकी विदेश विभाग ने गहरी चिंता जताई है और गहन जांच की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि 2024 के पाकिस्तानी चुनावों में भारी धांधली हुई थी। इसकी पूरी दुनिया ने निंदा की और एक स्वतंत्र पाकिस्तानी संस्था की ‘पट्टन रिपोर्ट’ में तमाम गड़बड़ियों का सबूत सहित एक दस्तावेज तैयार किया गया. इन चुनावों ने केवल एक कठपुतली सरकार बनाई है, जो बाहर से वास्तविक दिखती है लेकिन वास्तव में सेना द्वारा संचालित होती है। अमेरिकी विदेश विभाग ने उस समय यह भी कहा था कि चुनाव में भारी गड़बड़ी हुई है और इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए। अब हालात ऐसे हैं कि सेना के दबाव में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि आम नागरिकों के मामले भी सैन्य अदालतों में चलाए जा सकेंगे. इससे अदालतें पूरी तरह से सेना के नियंत्रण में आ गई हैं और अत्याचार करने वाले अधिकारियों या जनरलों को दंडित करने का कोई तरीका नहीं है। क्या लगाए जा सकते हैं प्रतिबंध सांसदों के पत्र के मुताबिक, शरीफ और मुनीर समेत वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जो अमेरिकी कानूनों के तहत संभव है: असीम मुनीर एक साल में दो बार ट्रंप से मिल चुके हैं। असीम मुनीर 2025 में दो बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिल चुके हैं। 18 जून को ट्रंप ने उन्हें दोपहर के भोजन के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था। इसी बीच दोनों ने बंद कमरे में मुलाकात की. अमेरिकी-पाकिस्तानी नागरिकों ने मुनीर के खिलाफ नारे लगाए और उसे तानाशाह और हत्यारा बताया। इसके बाद सितंबर में पाकिस्तानी पीएम शाहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर ने ट्रंप से मुलाकात की. तीनों के बीच मुलाकात करीब 1 घंटे 20 मिनट तक चली.
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अमेरिका में पाकिस्तानी पीएम-सेना प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने की मांग: 44 अमेरिकी सांसदों ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र, कहा- पाकिस्तान में बढ़ रही है निरंकुशता