अमेरिका ने नाइजीरिया में ISIS ठिकानों पर हमला किया: ट्रम्प बोले- ये आतंकी कचरा ईसाइयों को मार रहा है; हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे

Neha Gupta
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जानकारी दी है कि अमेरिका ने गुरुवार रात नाइजीरिया के उत्तर-पश्चिमी इलाके में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के ठिकानों पर शक्तिशाली और घातक हमला किया है. ट्रंप ने आरोप लगाया है कि आईएसआईएस इलाके में ईसाइयों को निशाना बना रहा है और उनकी हत्या कर रहा है. भारतीय समयानुसार शुक्रवार सुबह ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इस कार्रवाई की घोषणा की। उन्होंने आईएसआईएस आतंकवादियों को “आतंकवादी मैल” कहते हुए लिखा कि यह समूह लंबे समय से निर्दोष ईसाइयों की हत्या कर रहा है। ट्रंप के मुताबिक इस ऑपरेशन में अमेरिकी सेना ने कई अचूक हमले किए. उन्होंने रक्षा मंत्रालय को अनौपचारिक रूप से “युद्ध विभाग” कहते हुए सेना की प्रशंसा की और कहा कि केवल अमेरिका ही ऐसी सटीक कार्रवाई कर सकता है। ट्रंप ने कहा- अमेरिका कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद को फैलने नहीं देगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि उनके नेतृत्व में अमेरिका ”कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को फैलने नहीं देगा.” पोस्ट के अंत में ट्रंप ने सेना को क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अगर ईसाइयों की हत्याएं जारी रहीं तो और भी आतंकी मारे जाएंगे. इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर सिविल लिबर्टीज एंड द रूल ऑफ लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक हिंसा के कारण जनवरी से 10 अगस्त तक नाइजीरिया में 7,000 से अधिक ईसाई मारे गए। इन हत्याओं के लिए बोको हराम और चार चरारामपंथी फुलानी जैसे आतंकवादी संगठन जिम्मेदार हैं। ट्रंप ने 2 नवंबर को हमले की धमकी दी थी. ट्रंप ने 2 नवंबर को नाइजीरिया को कड़ी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर नाइजीरिया में ईसाइयों पर हत्याएं और हमले नहीं रुके तो अमेरिका तुरंत नाइजीरियाई सरकार को सभी आर्थिक और सैन्य सहायता बंद कर देगा. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि अगर जरूरत पड़ी तो अमेरिका नाइजीरिया में ‘बंदूकों से’ कार्रवाई करेगा और ईसाइयों पर हमला करने वाले आतंकवादियों को खत्म कर देगा. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अपने युद्ध विभाग को संभावित सैन्य कार्रवाई के लिए तैयारी करने का आदेश दिया है। नाइजीरिया में ईसाइयों पर क्यों हो रहे हैं हमले नाइजीरिया की 22 मिलियन की आबादी मुस्लिम और ईसाई समुदायों के बीच लगभग समान रूप से विभाजित है। बोको हराम जैसे कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन लंबे समय से देश में हिंसा फैला रहे हैं। ईसाइयों के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय भी हिंसा का शिकार रहा है, खासकर देश के उत्तरी हिस्सों में। कई जगहों पर ये हमले धार्मिक कारणों से प्रेरित होते हैं, तो कई जगहों पर भूमि, जातीय संघर्ष या आतंकवादी नेटवर्क से। 2020 में पहली बार, संयुक्त राज्य अमेरिका ने नाइजीरिया को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों की सूची में रखा। इस टैग को 2023 में हटा दिया गया था, जिसे दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के प्रयास के रूप में देखा गया था।

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