पीओके में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों ने शाहबाज शरीफ सरकार के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा कर दी है।
पीएमएल-एनए का समर्थन वापसी
पाकिस्तान के पीओके में चौधरी अनवारुल हक की सत्ता थी. सरकार को शाहबाज शरीफ की पीएमएल-एन का समर्थन प्राप्त था. अब पीएमएल-एन ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. जिससे सरकार अल्पमत में आ गयी है. चौधरी अनवारुल हक कभी इमरान खान के करीबी माने जाते थे. पाकिस्तान के असली कश्मीर में विरोध प्रदर्शन के बाद चौधरी अनवारुल हक की सरकार का गिरना तय है.
कोर कमेटी की बैठक में की गई घोषणा
पीओके में चौधरी अनवारुल हक की सरकार को शाहबाज शरीफ की पार्टी का समर्थन मिला. अब शाहबाज शरीफ की पार्टी ने सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है. पीएमएल-एनए ने कोर कमेटी की बैठक बुलाकर इसकी आधिकारिक घोषणा की है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कुल 53 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें सरकार बनाने के लिए 27 विधायकों की जरूरत होती है. 2024 के चुनाव में पीटीआई ने 26 सीटें जीतीं। लेकिन चौधरी अनवारुल ने पार्टी से बगावत कर दी थी, जिसके चलते उस वक्त 20 विधायक पार्टी से बाहर हो गए थे.
बिलावल भुट्टो के वश में क्या?
एक तरफ पीओके में अनवारुल हक की सरकार अल्पमत में आ गई है. दूसरी ओर बिलावल भुट्टो जोड़-तोड़ कर वहां सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. बिलावल और शाहबाज की पार्टियों के पास 21-21 विधायक हैं. दो छोटी पार्टियों के समर्थन से उनके पास 23 विधायक होंगे. दोनों अनवारुल के नाराज विधायकों को मनाने की भी कोशिश कर रहे हैं. अनवारुल हक ने पीओके में सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार और सरकार की वीआईपी संस्कृति को मुख्य मुद्दा बताया.